चार टिकट में से तीन कंफर्म हुई और एक नहीं तो वो कैसे कर सकता है सफर? ये हैं नियम
भारतीय रेलवे में सफर के दौरान अक्सर यह स्थिति सामने आती है कि किसी ग्रुप की कुछ टिकटें कंफर्म हो जाती हैं और कुछ वेटिंग लिस्ट में रह जाती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वेटिंग लिस्ट वाली टिकट वाले यात्री को यात्रा करने की अनुमति होगी या नहीं? आइए जानते हैं रेलवे के नियमों के अनुसार इस स्थिति में क्या किया जा सकता है।
समूह यात्रा के लिए रेलवे के नियम
अगर चार लोगों ने एक साथ टिकट बुक कराई है और उनमें से तीन की टिकट कंफर्म हो गई है, लेकिन एक व्यक्ति की टिकट वेटिंग लिस्ट में ही रह गई है, तो स्थिति इस पर निर्भर करेगी कि टिकट ई-टिकट है या PRS (काउंटर से बुक की गई) टिकट।
- ई-टिकट (IRCTC के माध्यम से बुक की गई टिकट)
- यदि किसी यात्री की टिकट वेटिंग लिस्ट में रह जाती है और चार्ट बनने के बाद भी कंफर्म नहीं होती, तो वह टिकट स्वतः रद्द हो जाती है।
- ऐसे में वेटिंग लिस्ट वाले यात्री को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी।
- उसका किराया IRCTC द्वारा स्वचालित रूप से रिफंड कर दिया जाएगा।
- काउंटर टिकट (PRS से बुक की गई टिकट)
- यदि काउंटर से बुक की गई टिकट पर एक यात्री की सीट वेटिंग में रह जाती है और बाकी यात्रियों की सीट कंफर्म हो जाती है, तो वह यात्री यात्रा कर सकता है।
- टीटीई की अनुमति से उसे उसी कोच में समायोजित करने का प्रयास किया जा सकता है, बशर्ते कोई खाली सीट उपलब्ध हो।
- यदि कोई सीट उपलब्ध नहीं होती, तो वह यात्री जनरल कोच में सफर कर सकता है।
क्या उपाय किए जा सकते हैं?
- चार्ट बनने से पहले PNR स्टेटस चेक करते रहें, क्योंकि कभी-कभी अंतिम समय में टिकट कंफर्म हो जाती है।
- यदि यात्रा आवश्यक है और वेटिंग लिस्ट की स्थिति स्पष्ट नहीं है, तो तत्काल टिकट का विकल्प भी देखा जा सकता है।
- ट्रेन में चढ़ने से पहले टीटीई से संपर्क करके सीट उपलब्धता की जानकारी ली जा सकती है।
इसलिए, यदि किसी समूह में एक व्यक्ति की टिकट वेटिंग में रह जाती है, तो उसकी यात्रा की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि टिकट किस माध्यम से बुक की गई थी। नियमों को ध्यान में रखते हुए ही अपनी यात्रा की योजना बनाएं।