शुक्रवार को इन चीज़ों की खरीदारी से लक्ष्मी होती हैं अप्रसन्न! शास्त्रों में मिले प्रमाण


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Shukrwar nhi kharidana chahiye शुक्रवार को इन चीज़ों की खरीदारी से लक्ष्मी होती हैं अप्रसन्न! शास्त्रों में मिले प्रमाण — जानिए क्या कहा देवीभागवत व पाराशर होरा शास्त्र ने


🟦 📌 रिपोर्ट: धर्म डेस्क | आध्यात्मिक विशेष रिपोर्ट

धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में शुक्रवार को कुछ विशेष वस्तुओं की खरीद और दान को लेकर स्पष्ट चेतावनियाँ दी गई हैं।
भविष्य पुराण और देवीभागवत पुराण में वर्णित एक प्राचीन प्रसंग आज फिर चर्चा में है, जिसमें शुक्रवार के नियमों का पालन न करने से एक गृहस्थ के जीवन में भारी उतार-चढ़ाव आया।

शुक्रवार को लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं।
यह बात देवीभागवत पुराण में स्पष्ट रूप से कही गई है कि—

“लक्ष्मी शुक्र के दिन भू-लोक में गमन करती हैं और अशुद्ध कर्म, अशुभ दान व अनुचित लेन-देन से दूर हो जाती हैं।”

इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शुक्रवार को कुछ वस्तुओं को घर लाने और कुछ वस्तुओं को घर से बाहर देने पर निषेध लगाया है।

यह कोई अंधविश्वास नहीं।
यह ग्रह-तत्वऊर्जा सिद्धांत, और लक्ष्मी-तत्त्व पर आधारित नियम हैं।

शुक्र ग्रह स्वयं धन, वैभव, भोग, आराम और सौभाग्य का कारक है।
और यदि शुक्रवार को किसी व्यक्ति ने अनजाने में शुक्र-विरोधी वस्तु खरीद ली अथवा गलत वस्तु का दान कर दिया —
तो शास्त्र कहता है:

“तत्कालेन शुक्रस्तस्य द्वेषमागच्छति।”
– बृहद् पाराशर होरा शास्त्र

मतलब — शुक्र उसी समय अप्रसन्न हो जाता है।

यही कारण है कि लक्ष्मी और शुक्र दोनों के नियमों को समझे बिना शुक्रवार को वस्तुएँ खरीदना या दान करना सीधे-सीधे भाग्य पर प्रहार करने जैसा है।

और इस बात का प्रमाण स्वयं शास्त्रपुराण, और परंपरा देते हैं।

अब आगे मैं आपको पूरी, एकदम प्रमाणिक, शास्त्र आधारित कथा सुनाने वाला हूँ—
जिसका उल्लेख भविष्य पुराण – उत्तर पर्व में मिलता है।

यह कहानी सिर्फ चेतावनी नहीं…
बल्कि बताती है कि क्यों शुक्रवार के दिन गलत वस्तु खरीदने से लक्ष्मी दूर चली जाती हैं,
और क्यों सही वस्तु खरीदने से वे प्रसन्न होकर घर में स्थायी निवास कर लेती हैं।


🟨 📌 देवीभागवत पुराण में सीधी चेतावनी

देवीभागवत पुराण में कहा गया है—

“शुक्रे दत्तं वित्तं न पुनर्भवति।”
👉 अर्थ: शुक्रवार को दिया गया धन वापस नहीं आता।

यह शास्त्र-सम्मत मंत्र बताता है कि शुक्रवार को कर्ज देना या किसी को धन देना आर्थिक अस्थिरता का कारण बनता है।


🟩 📌 पाराशर होरा शास्त्र में चौंकाने वाला खुलासा

ज्योतिष के सबसे प्रमाणिक ग्रंथ पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार:

  • शक्कर शुक्र ग्रह का मूल तत्व मानी गई है।
  • शुक्रवार को शक्कर देना =
    शुक्र की ऊर्जा को घर से बाहर भेजना,
    जिससे धन हानि और लक्ष्मी दूर हो सकती हैं।

🟥 📌 घर की “लक्ष्मी ऊर्जा” को नुकसान करने वाली वस्तुएँ (शास्त्र प्रमाणित)

ऋषि परंपरा और पुराणों के अनुसार शुक्रवार को इन वस्तुओं को खरीदने पर रोक है:

1. झाड़ू

इसे लक्ष्मी के निर्गमन का प्रतीक माना गया है।

2. लौह/स्टील का सामान

शुक्र के विपरीत ग्रह-तत्व।

❌ *3. तेल (खासतौर पर तिल/सरसों)

राहु–शनि तत्त्व प्रभावित करते हैं।

4. नमक

शुक्र का मूल “रस-तत्त्व” कमजोर होता है।

5. काले वस्त्र

शनि प्रभाव सक्रिय।

6. टूटी वस्तुएँ

गृह-दोष बढ़ता है।

7. कर्ज देना / लेना

लक्ष्मी स्थिर नहीं रहती।

8. शक्कर देना

शुक्र कमजोर होता है।


🟦 📌 क्या कहा ऋषि दधीचि ने? – प्राचीन कथा फिर चर्चा में

भविष्य पुराण में एक कथा मिलती है जिसमें एक गृहस्थ सुदर्शन अपनी गरीबी और कलह से परेशान होकर ऋषि दधीचि के आश्रम पहुँचा।

ऋषि ने उसकी दशा देखकर कहा—

**“यदि तुम्हें स्थायी सुख-समृद्धि चाहिए,

तो शुक्रवार को शुक्र-विरोधी वस्तुएँ मत खरीदो।”**


🟩 📌 शुक्र के प्रिय तत्व – क्या खरीदना अत्यंत शुभ?

ऋषि दधीचि के अनुसार शुक्रवार को ये वस्तुएँ खरीदना शुभ माना गया है:

1. चाँदी

ब्रह्मवैवर्त पुराण: “रजतं श्रीप्रियं नित्यं।”

2. सफेद वस्तुएँ (दूध, दही, चावल, सफेद कपड़े)

शुक्र का मूल रंग श्वेत है।

3. इत्र व सुगंध

गंध शुक्र का गुण है।

4. सौंदर्य प्रसाधन

शुक्र का सौंदर्य-तत्त्व मजबूत होता है।

5. नए वस्त्र

लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

6. सजावट की वस्तुएँ

गृह में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं।


🟥 📌 सुदर्शन के जीवन में आया बड़ा परिवर्तन! — 7 दिनों में दिखा असर

कथा के अनुसार सुदर्शन ने ऋषि की बात मानकर:

✔ झाड़ू खरीदना बंद किया
✔ कर्ज देना बंद किया
✔ शक्कर देना बंद किया
✔ सफेद वस्तुएँ खरीदीं
✔ शुक्रवार को लक्ष्मी पूजा की

और मात्र 7 दिनों में ये बदलाव दिखाई दिए:

• व्यापार में लाभ
• घर में शांति
• झगड़े समाप्त
• कर्ज कम
• मन हल्का
• धन का निरंतर प्रवाह

सुदर्शन ने कहा—
“गुरुदेव, आज मेरे घर में स्थिर लक्ष्मी आ गई हैं।”

इस पर ऋषि दधीचि बोले—
“लक्ष्मी भाग्य से नहीं टिकती…
नियम, शुचिता और सही कर्म से टिकती हैं।”


🟦 📌 निष्कर्ष — यह अंधविश्वास नहीं, शास्त्र का विज्ञान है

धर्म और ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्रवार की ये परंपराएँ
ऊर्जा, ग्रह-तत्त्व और शास्त्रीय सिद्धांतों पर आधारित हैं।

इन्हें मानने से
✔ धन स्थिर होता है
✔ घर में कलह कम होता है
✔ आर्थिक उन्नति होती है
✔ शुक्र ग्रह मज़बूत होता है


🟨 📌 धर्म डेस्क की सलाह

शुक्रवार को खरीदारी करते समय इन नियमों को ध्यान में रखें।
ये केवल परंपरा नहीं,
शास्त्रों द्वारा प्रमाणित चेतावनी हैं
जो जीवन को बदलने की क्षमता रखती हैं।

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