चैत्र नवरात्रि 2025: इस समय भूलकर भी न करें कलश स्थापना, वरना शुरू हो सकते हैं बुरे दिन!
चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है, जो 7 अप्रैल तक चलेगी। इस नौ दिवसीय महापर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना (घटस्थापना) का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में न की जाए, तो व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है और अनिष्ट होने की संभावना रहती है। इसलिए, सही समय पर कलश स्थापना करना अत्यंत आवश्यक है।
❖ कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2025 को सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक रहेगा। यदि इस समय के भीतर कलश स्थापना कर दी जाए, तो मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
❖ अशुभ समय में कलश स्थापना करने के दुष्परिणाम
शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त के बाहर कर दी जाए, तो घर में अशांति, आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव जैसी परेशानियां आ सकती हैं। विशेष रूप से राहुकाल और गुलिक काल में कलश स्थापना करना निषेध माना गया है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
30 मार्च को राहुकाल सुबह 10:51 से दोपहर 12:22 तक रहेगा। इस दौरान कलश स्थापना करना वर्जित है।
❖ कलश स्थापना की विधि
कलश स्थापना के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- शुद्ध स्थान का चयन करें – पूजा के लिए घर का पूर्व या उत्तर-पूर्व कोना सबसे शुभ माना जाता है।
- कलश तैयार करें – एक तांबे, पीतल या मिट्टी के पात्र में गंगाजल भरें, उसमें सुपारी, दूर्वा, अक्षत (चावल) और सिक्का डालें।
- नारियल स्थापित करें – कलश के मुख पर आम के पत्ते सजाएं और उस पर लाल कपड़े में लिपटा नारियल रखें।
- मां दुर्गा का आह्वान करें – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जाप करें।
- नैवेद्य और आरती करें – मां दुर्गा को फूल, प्रसाद और धूप-दीप अर्पित करें।
❖ मां दुर्गा का आगमन और प्रभाव
इस बार मां दुर्गा का हाथी पर आगमन और प्रस्थान भी हाथी पर ही होगा, जो अत्यंत शुभ संकेत है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हाथी पर आगमन का अर्थ है सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति, जबकि इसी वाहन से विदाई से भी सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
❖ नवरात्रि में बरतें ये सावधानियां
- लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से परहेज करें।
- शराब और मांसाहार से दूरी बनाएं।
- राहुकाल में पूजा न करें।
- व्रत का संकल्प लेकर नियमों का पालन करें।
❖ निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि एक अत्यंत पवित्र समय होता है, जिसमें मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। अगर आप इस नवरात्रि में कलश स्थापना कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि यह शुभ मुहूर्त में ही हो। अशुभ समय में स्थापना करने से जीवन में समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस पावन पर्व को पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ मनाएं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करें।
🙏 जय माता दी! 🙏
🚨 डिस्क्लेमर 🚨
यह लेख धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं, पौराणिक कथाओं एवं आम जनमान्यताओं पर आधारित है। यह जानकारी विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं और धार्मिक ग्रंथों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या परंपरा का पालन करने से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य करें।
इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है, न कि किसी प्रकार की अंधविश्वास या अड़चन को बढ़ावा देना। पाठक अपने विवेक से निर्णय लें।