दोस्तों, क्या आपने कभी महसूस किया है… कि कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आसमान जैसे हमसे बातें करता है?
जब सूरज की किरणें कुछ अलग चमक लिए होती हैं, हवा का स्पर्श अनजाने संकेत देता है… और मन में बिना वजह एक खास हलचल सी उठती है।
आज का दिन भी वैसा ही है…
आज प्रकृति, ग्रह-नक्षत्र और समय—सब मिलकर कुछ ऐसा रच रहे हैं, जो आपके जीवन की दिशा बदल सकता है।
शायद आज आपको कोई अनदेखा अवसर मिलने वाला है… या किसी पुराने अधूरे काम की डोर फिर से आपके हाथ में आने वाली है।
शायद आज ईश्वर आपके भीतर छुपी उस क्षमता को जगाने वाले हैं, जिसे आप खुद भूल चुके हैं।
लेकिन ये सब होगा… तभी, जब आप इस दिन के अदृश्य संकेतों को पहचान लेंगे।
क्योंकि समय, अगर सही पहचाना जाए, तो वह भाग्य बदलने की ताकत रखता है।
तो चलिए, जानते हैं आज का दिन आपके लिए क्या संदेश लेकर आया है…”
नमस्कार प्रिय दर्शकों, स्वागत है आपका…
क्या आपने कभी सोचा है कि हर दिन का शुभ-अशुभ फल सिर्फ आपकी मेहनत पर नहीं बल्कि समय की चाल पर भी निर्भर करता है? 🌌
कभी अचानक कोई काम बिगड़ जाता है, तो कभी बिना कोशिश किए ही सफलता मिल जाती है। यह सब संयोग नहीं, बल्कि दिन का पंचांग और उसमें छिपे हुए नक्षत्र, योग और तिथि के रहस्य हैं।
17 अगस्त 2025 का यह दिन खास है, क्योंकि यह दिन सिर्फ एक साधारण रविवार नहीं, बल्कि एक ऐसा दिन है जिसमें ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति आपके जीवन की दिशा बदल सकती है। 🕉️
आज का पंचांग बताएगा कि किस समय आपका कार्य बन जाएगा और कब आपको सावधान रहना चाहिए।
यदि आप धन लाभ चाहते हैं, व्यापार में वृद्धि चाहते हैं या परिवार में शांति और सौभाग्य चाहते हैं, तो आज के शुभ मुहूर्त और अशुभ काल की जानकारी आपके लिए अनमोल साबित होगी।
दोस्तों, याद रखिए—
🌟 सही समय पर उठाया गया एक कदम, गलत समय पर किए गए सौ कदमों से भी ज्यादा सफल होता है।
आज मैं आपको बताऊंगा कि 17 अगस्त के दिन किस घड़ी में देवताओं की कृपा बरसेगी, और कब राहु-काल व दिशाशूल से बचना जरूरी है।
तो अंत तक जुड़े रहिए, क्योंकि आज का यह ज्ञान आपके आने वाले पूरे सप्ताह की किस्मत को चमका सकता है।
📜 17 अगस्त 2025 का पंचांग
- तिथि: भाद्रपद कृष्ण पक्ष नवमी, 09:34 PM तक दशमी आरंभ
- नक्षत्र: रोहिणी, 07:15 AM तक उपरांत मृगशिरा
- वार: रविवार
- विक्रमी संवत: 2082 (कालयुक्त संवत्सर)
- शक संवत: 1947
- योग: वज्र योग
- करण: कौलव
- सूर्योदय: 05:48 AM
- सूर्यास्त: 06:52 PM
- चंद्रमा: वृषभ राशि
- राहु काल: 05:30 PM से 07:00 PM तक
- दिशा शूल: पश्चिम दिशा
- रविवार के दिन दिशाशूल पश्चिम दिशा में होता है। यदि इस दिन पश्चिम दिशा में यात्रा करना आवश्यक हो तो पान खाकर या घी खाकर घर से निकलना शुभ माना जाता है