20 अगस्त 2025 का विस्तृत पंचांग || दिशा शूल || शुभमुहूर्त

नमस्कार प्रिय दर्शकों 🙏
आज हम आपके लिए लेकर आए हैं 20 अगस्त 2025 का विस्तृत पंचांग। यह दिन केवल एक सामान्य बुधवार नहीं है, बल्कि एक ऐसा पावन दिन है जो आपके जीवन में शुभ फल और आध्यात्मिक ऊर्जा भर सकता है।क्या आप जानते हैं कि आज का दिन विशेष क्यों है? क्योंकि 20 अगस्त 2025 को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।आज की तिथि, नक्षत्र और योग बेहद अद्भुत संयोग बना रहे हैं। दिन की शुरुआत द्वादशी तिथि से होगी और दोपहर बाद त्रयोदशी प्रारंभ होगी। यानी आज का दिन पूजा-पाठ और शिव भक्ति के लिए बेहद खास है।चंद्रमा का संचार भी महत्वपूर्ण है। दिन का अधिकांश समय मिथुन राशि में रहेगा और शाम को चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करेगा। इसका सीधा असर आपके मन, विचार और धन संबंधी निर्णयों पर होगा।आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल आपके जीवन की दिशा बदल सकते हैं। अगर आप इनका ध्यान रखेंगे तो आपके कार्य सिद्ध होंगे और सफलता निश्चित होगी।
लेकिन यदि आपने राहुकाल और दिशा शूल की अनदेखी की तो आपको बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।प्रिय भक्तों, बुधवार का दिन बुद्ध ग्रह और भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन विशेष उपाय करने से धन, बुद्धि और व्यापार में वृद्धि होती है।
क्या आप जानते हैं कि आज बुधवार के दिन दिशा शूल किस ओर है और यात्रा से पहले उसका परिहार कैसे किया जा सकता है?
और क्या आप जानना चाहते हैं कि इस दिन प्रदोष व्रत करने से क्या चमत्कारी लाभ मिलते हैं?तो आइए, इस वीडियो को अंत तक देखें क्योंकि इसमें हम आपको बताएंगे –
👉 20 अगस्त 2025 का पूरा पंचांग
👉 आज का शुभ और अशुभ समय
👉 प्रदोष व्रत का महत्व
👉 और बुधवार का दिशा शूल व उसका परिहार।

🕉 20 अगस्त 2025 का विस्तृत पंचांग

📅 तारीख: 20 अगस्त 2025 (बुधवार)
🗓 विक्रम संवत: 2082
🗓 शक संवत: 1947🌞 सूर्योदय: 06:09 AM
🌇 सूर्यास्त: 06:51 PM
🌕 चंद्रोदय: 02:50 AM (20 अगस्त)🔯 तिथि: द्वादशी (01:58 PM तक), उसके बाद त्रयोदशी
🌌 नक्षत्र: पुनर्वसु (12:27 AM तक), उसके बाद पुष्य
🪔 योग: सिद्धि (06:13 PM तक), उसके बाद व्यातीपात
🌓 करण: तैतिल (01:59 PM तक), फिर गर (01:19 AM तक), उसके बाद वणिज🌗 चंद्रमा की स्थिति: मिथुन राशि (06:35 PM तक), फिर कर्क राशि
⏳ राहुकाल: 12:30 PM से 02:05 PM तक📌 त्यौहार और व्रत: प्रदोष व्रत

🧭 बुधवार का दिशा शूल और उसका परिहार

बुधवार को दिशा शूल उत्तर दिशा में होता है।यदि इस दिशा में यात्रा करना अनिवार्य हो तो:यात्रा से पहले घर से पान खाकर निकलें।भगवान विष्णु और गणपति जी का स्मरण करके प्रस्थान करें।”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जप करें।👉 इससे दिशा शूल का दोष समाप्त हो जाता है और यात्रा शुभ फलदायी बनती है।

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